Feb 15, 2024, 05:04 PM IST
भारत की पहली महिला राज्यपाल सरोजनी नायडू थी, जिन्हें सरोजनी चट्टोपाध्याय के नाम से भी जाना जाता हैं.
उनके पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय था, जो एक मशहूर वैज्ञानिक थे और हैदराबाद के निजाम कॉलेज के संस्थापक भी थे.
उनकी माता बरदा सुंदरी देवी एक मशहूर कवियत्री थीं, जो बांग्ला भाषा में लिखती थीं.
16 साल की उम्र में सरोजनी नायडू को हैदराबाद के निजाम कॉलेज से छात्रवृत्ति मिली और आगे की पढ़ाई के लिए वह लंदन चली गईं.
लंदन में उन्होंने पहले किंग्स कॉलेज में दाखिला लिया और उसके बाद उन्होंने गिरटन कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की.
सरोजनी नायडू जब विदेश में थीं, तब साल 1914 में वह पहली बार महात्मा गांधी से मिलीं.
महात्मा गांधी से एक मुलाकात के दौरान ही वह उनसे बेहद प्रेरित हो गईं और अपने आप को देश को समर्पित करने का मन बना लिया.
इसके बाद उन्होंने देश के कई आंदोलनों में भाग लिया और कई बार जेल भी गईं.
उन्होंने भारत के अलग-अलग हिस्सों में घूमकर लोगों को आजादी के लिए प्रेरित किया.
उन्हें हिंदी, अग्रेजी, बांग्ला, और गुजराती भाषा आती थी.
अपनी लोकप्रियता के कारण साल 1925 में उन्हें कानपुर में कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष के रूप में चुना गया.
देश की आजादी के बाद सरोजनी नायडू को उत्तर प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया.
2मार्च साल 1949 को उनका निधन हुआ.