Mar 2, 2024, 01:27 PM IST
EVM क्यों नहीं हो सकता है हैक, वजहें जान लीजिए
Abhishek Shukla
लोकसभा चुनाव 2024 अब बेहद नजदीक हैं, लोग EVM पर सवाल उठा रहे हैं.
1982 में जब पहली बार EVM से वोट पड़े थे, तब से ही इसके हैक होने को लेकर सवाल उठते रहे हैं.
क्या सच में यह हैक हो सकता है, आइए सच्चाई जानते हैं. EV कंट्रोल यूनिट और बैलेटिंग यूनिट से मिलकर बना होता है.
दोनों यूनिट 5 मीटर के एक केबल से जुड़े होते हैं. बैलेटिंग यूनिट से लोग वोट डालते हैं.
पीठासीन अधिकारी वोटर की पहचान सत्यापित करके कंट्रोल यूनिट का बैलेट दबा देते है.
चुनाव आयोग की मानें तो EVM मशीन कंप्यूटर से नियंत्रित नहीं होता है.
यह स्टैंड अलोन मशीन है, जो इंटरनेट या किसी दूसरे नेटवर्क से नहीं जुड़ सकता है.
इस वजह से इसे हैक नहीं किया जा सकता है. EVM में डेटा के लिए फ्रीक्वेंसी रिसीवर या डिकोडर भी नहीं होता है.
वायरलेस डिवाइस, वाई-फाई या ब्लूटूथ डिवाइस से भी इसमें दखल नहीं दी जा सकती है.
वोटिंग के बाद यह बेहद कड़ी सुरक्षा में रहता है. यह कंट्रोल रूम में रखा होता है, जिसे मतगणना के दिन ही खोला जाता है.
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि EVM भरोसेमंद है.
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