विदेश जाते ही ज्यादातर भारतीय हो जाते हैं इस बीमारी के शिकार
Aditya Prakash
भारत से बड़ी संख्या में लोग हर साल विदेश जाते हैं, इनमें ज्यादातर लोग रोजगार और शिक्षा के लिए जाते हैं.
दुनिया के किसी भी देश से लोग जब बाहर के देशों में जातें हैं तो उनमें से कई लोग होमसिकनेस के शिकार हो जाते हैं.
बाकी के देशों की तुलना में विदेश जाने वाले भारतीयों में होमसिकनेस के मामले ज्यादा पाए जाते हैं.
अंतरराष्ट्रीय छात्रों के मुद्दों पर नज़र रखने वाली एक गैर-लाभकारी संस्था WES की स्टडी में भी इस बारे में खुलासा हुआ.
इसकी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में भारतीय छात्रों (42%) को दूसरे देशों के छात्रों (कुल मिलाकर 32%) की तुलना में अधिक घर की याद और अकेलेपन से ग्रस्त हैं.
इनमें ज्यादातर लोगों को जीवनसाथी, दोस्त या परिवार के सदस्यों की याद आती है.
होमसिकनेस उनमें अकेलेपन की तीव्र भावनाओं को जन्म दे सकता है.
होमसिकनेस का अर्थ है घर से दूर रहने की वजह से एंजाइटी और तनाव महसूस करना.
यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति को अपनों से दूर रहने पर अकेलापन का डर सताता है और वह तनाव में रहता है.