Jul 9, 2024, 06:27 AM IST

IIT ग्रेजुएट हैं ये 10 संत, लाखों का पैकेज छोड़ पकड़ ली अध्यात्म की राह

Ritu Singh

कई ऐसे संत हैं जो आईआईटी के बाद एमबीए किए और फिर शांति और अध्यात्म की राह पर निकल पड़े. 

कोई एक या दो संत नहीं, बल्कि कई ऐसे संत हैं जो हाइयली एजुकेटेड हैं और फिर ध्यान-साधना और अध्यात्म से जुड़ गए हैं.

चलिए जानें वो संत कौन हैं जिन्होंने आईआईटी पूरा करने के बाद लाखों का पैकेज छोड़कर संत का जीवन अपनाया है.

संदीप कुमार भट्ट ने IIT Delhi से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. वहीं 28 साल की उम्र में उन्होंने अपना नाम स्वामी सुंदर गोपालदास रखकर संन्यासी का जीवन अपना लिया.

अविरल जैन वह एक कंप्यूटर इंजीनियर से जैन साधु बने हैं. उन्होंने आईआईटी बीएचयू से पढ़ाई की था और उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के तौर पर Walmart कंपनी में काम भी किया था.

संकेत पारेख  एक केमिकल इंजीनियर से जैन साधु बने हैं.उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है.

रसनाथ दास ने आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई करने के बाद Deloitte के कंपनी में काम किया, फिर वे सब कुछ छोड़कर कृष्ण भक्ति में लीन हो गए.

स्वामी मुकुंदानंद की आईआईटीयन से भिक्षु बनें. उन्होंने आईआईटी दिल्ली से B.Tech किया फिर आईआईएम कोलकाता से एमबीए की डिग्री भी हासिल की.

गौरांग दास ने आईआईटी बॉम्बे से Metallurgical Engineering किया है. फिर बाद में वे इस्कॉन से जुड़ गए.

अमोघ लीला का असली नाम आशीष अरोड़ा है. उन्होंने 2004 में ग्रेजुएशन पूरा किया फिर बाद में इस्कॉन से जुड़ गए.

आचार्य प्रशांत लेखक, अद्वैत शिक्षक हैं जो गीता के 17 रूपों और उपनिषदों के 60 रूपों को पढ़ाते हैं. वह आईआईटी दिल्ली, आईआईएम अहमदाबाद में पढ़े हैं.

राधेश्याम दास इस्कॉन पुणे के अध्यक्ष, VOICE के निदेशक, युवा परामर्शदाता और कॉर्पोरेट सलाहकार हैं.- आईआईटी बॉम्बे, एमटेक - इस्कॉन पुणे शाखा के अध्यक्ष से पढ़ाई की

मनन एमजे एक गणितज्ञ और टीआईएफआर मुंबई में प्रोफेसर हैं, रामकृष्ण संप्रदाय के एक भिक्षु हैं. वह आईआईटी कानपुर और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से पढ़े हैं.