Chanakya Niti: इस जगह पर 1 मिनट भी रूकना है मौत के समान
Nitin Sharma
आचार्य चाणक्य को भारत का सर्वक्षेष्ठ विद्वान माना जाता है.
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में जीवन की परेशानियों और समस्याओं के समाधान के बारे में बताया है.
चाणक्य नीति में दुनिया की एक जगह को मरने की जगह के बराबर बताया गया है और यहां पल भर के लिए भी नहीं रूकना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के एक श्लोक 'वरं प्राणपरित्यागो मानभङ्गन जीवनात्। प्राणत्यागे क्षणां दुःख मानभङ्गे दिने दिने॥' के अनुसार व्यक्ति को किसी भी स्थिति में अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि जहां पर मनुष्य को सम्मान नहीं मिलता वो जगह उसके लिए मृत्यु लोक के समान होती है.
इसलिए चाणक्य के अनुसार मृत्यु अपमान से बेहतर है, मरना केवल कुछ समय का दर्द देता है पर बेइज्जती हमेशा हमें परेशान करती है.
अगर कहीं आपका सम्मान नहीं किया जाता, तो ऐसी जगह 2 मिनट भी नहीं रूकना चाहिए.
आचार्य चाणक्य के अनुसार बेइज्जती वाली जगह मरने की जगह से कम नहीं होती है अपनी इज्जत को कभी कम नहीं होने देना चाहिए.