आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र में मनुष्य को जन्म से मिले 4 ऐसे गुणों को बताया है, जिन्हें न किसी अन्य व्यक्ति से और न प्रयास पाया जा सकता है.
यह गुण व्यक्ति में जन्मजात और परिवार से आते हैं, जो उन्हें जीवन में हर मुकाम पाने में मदद करते हैं. इन्हीं गुणों की मदद से सफलता मिलती है.
कुछ लोगों में दान करने का गुण होता है, चाणक्य के अनुसार दानी व्यक्ति जीवन में खूब तरक्की करता है. ये गुण व्यक्ति में जन्म से ही होते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि सुरीली और मधुर आवाज में बोलने वाले व्यक्ति ये गुण जन्म से प्राप्त होता है. ऐसे व्यक्ति की आवाज ही उसकी पहचान होती है.
मुश्किल परिस्थितियों में भी शांत और धैर्य रहने का गुण, कुछ लोग जन्म से ही धैर्यवान होते है, धैर्यता का गुण व्यक्ति को सफल बनाता है.
जिंदगी में सही और गलत क्या है इसका सही फैसला बहुत ही कम लोग कर पाते हैं ये गुण जन्म से होता हैं मनुष्य ये गुण बहुत सारा प्रयास करने के बाद ही सीख पाता है.
आचार्य चाणक्य का मानना है की ये गुण न व्यक्ति कभी भूलता और न इन्हें कोई छीन सकता. इसलिए जिन लोगों में ये 4 गुण होते है वो सफलता जरूर प्राप्त करते हैं.