Jun 4, 2024, 05:51 PM IST
चाणक्य से जानिए व्यक्ति को कब लज्जा त्याग देनी चाहिए?
Ritu Singh
आचार्य चाणक्य की नीतियों को अगर जीवन में आप उतार लें तो आप न केवल सफल होंगे बल्कि...
लोग भी आपको मान-सम्मान और प्यार देंगे. इसके लिए जरूरी है कि कुछ काम बिना लज्जा के करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य ने लिखा है कि, "धनधान्य प्रयोगेषु विद्या सङ्ग्रहेषु च. आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्.."
यानी अगर आपके पास धन नहीं है तो कमाने के लिए किसी कार्य को करने में लज्जा न करें.
दूसरा अगर आपको किसी से ज्ञान मिल सकता है तो लज्जा छोड़कर आप ज्ञान का अर्जन करें.
अगर आप कहीं भोजन कर रहे तो निसंकोच पेट भर कर खाना खाएं. खाने में शर्म नहीं करनी चाहिए.
किसी बड़े के मान-सम्मान करने या अपने व्यावहार में लज्जा को न आने दें.
इन चीजों में लज्जा करने से आप कभी सफल और सुखी नहीं हो सकते.
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