Dec 16, 2023, 09:21 AM IST

सफलता के लिए याद कर लें रामकृष्ण परमहंस के ये 7 मंत्र 

Nitin Sharma

रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानंद जी के गुरु थे. रामकृष्ण परमहंस को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता था. वह भगवान से सीधी बात करते थे.

रामकृष्ण परमहंस का जन्म 18 फरवरी 1836 में ​पश्चिम बंगाल के एक छोटे से गांव कामारपुकुर में हुआ था. वह माता काली के बड़े भक्त थे. 

रामकृष्ण पहमहंस स्वामी विवेकानंद के गुरु थे. विवेकानंद जी ने अपने गुरु की सभी विचारों को धारण किया था. यही वजह है कि उनके विचार आज भी प्रख्यात हैं.

रामकृष्ण परमहंस कहते हैं कि ज्ञान स्वयं में वर्तमान है. मनुष्य सिर्फ उसका अविष्कार करता है.

हवा चलने पर पंखा करना छोड़ देना चाहिए, लेकिन जब ईश्वर की कृपा दृष्टि प्राप्त होतो इसे प्रार्थना और तपस्या और कड़ी कर लेनी चाहिए. इससे भगवान प्रसन्न होते हैं.

बिना सच बोले तो भगवान को भी प्राप्त नहीं किया जा सकता. इसलिए सच ही भगवान है. 

जब तक जीवन है तब तक सीखने की इच्छा रखें. क्योंकि अनुभव ही सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.

लोग तुम्हारी अच्छाई का गुणगान करें या​ फिर जमकर बुराई करें. तुम्हारा लक्ष्य न्यायपथ पर रहना चाहिए. यही तुम्हें विजय बनाएंगा. 

जब जिस काम को करने की प्रतिज्ञा करें. ठीक उसी समय उस काम को निपटा देना चाहिए. नहीं तो लोगों के साथ आपका खुद का विश्वास भी अपने आप से उठ जाएगा.