Sep 8, 2023, 04:59 PM IST
श्री कृष्ण ने गीता में कहा कि जीवन में कभी बीते कल और आने वाले कल की चिंता मत करों, जो होना है वह होकर ही रहेगा, जो होगा अच्छा होगा और अच्छे के लिए ही होगा.
नाम, पद, प्रतिष्ठा और स्त्री या पुरुष किसी के भी बहकावे मत आओं. यह शरीर जल, वायु, अग्नि, धरती और आसमान से मिलकर बना है. यह इसी में रह जाएगा. इसलिए आत्मभाव में रहो और यही मुक्ति है.
क्रोध सबसे बड़ा दुश्मन है. यह भ्रम पैदा करता है. यह बुद्धि भी हर लेता है. स्मृति का नाश होता है. व्यक्ति के पतन का कारण बनता है.
खुद को भगवान के हवाले कर दो. जीवन में दुख, चिंता, डर, शोक से मुक्ति मिल जाएगी.
अपने नजरिए को अच्छा रखें. नजरियां जीतना साफ और अच्छा रहेगा. व्यक्ति को उतना ही जीवन में आनंद मिलेगा. ज्ञान व कर्म की प्राप्ति होगी.
मन को शांत करों. इसके लिए अभ्यास और वैराग्य को मजबूत बना लो. अनियंत्रित मन अपना सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है.