Oct 12, 2023, 03:52 PM IST

चाय का नींद से है गहरा कनेक्शन

Kuldeep Panwar

काम करते समय आलस्य होने पर नींद आने लगती है और आप वर्क प्लेस पर ही जम्हाई लेने लगते हैं. ऐसे में आपको नींद भगाने के लिए चाय पीने की सलाह दी जाती है. क्या चाय पीने से नींद सच में भाग जाती है?

मान्यता है कि चाय पीने से सुस्ती दूर हो जाती है. इसलिए लोग सुबह जागने पर बेड-टी पीना पसंद करते हैं ताकि उनका आलस्य दूर हो जाए और वे तरोताजा महसूस करें.

चाय पीने पर आदमी थोड़ी देर के लिए खुद को तरोताजा महसूस करने लगता है. इसका एक बेहद खास वैज्ञानिक कारण है. दरअसल चाय में एक ऐसा स्टिलुमेंट होता है, जो बॉडीसेल्स को बूस्ट देता है.

यह स्टिलुमेंट चाय के अंदर मौजूद कैफीन होता है, जो शरीर के अंदर नींद लाने वाले एडिनोसिन रिसेप्टर जैसे सभी रिसेप्टर को थोड़ी देर के लिए ब्लॉक कर देता है. इससे नींद भाग जाती है. 

कैफीन एक तरह का नशीला तत्व है, इसलिए हमारे शरीर में कैफीन का असर किसी भी अन्य नशीले पदार्थ की तरह 15 से मिनट बाद शुरू होकर करीब 4-5 घंटे तक रहता है.

चाय के शौकीन लोगों को आपने अक्सर नींद कम आने और इसके चलते तनाव में डूबे रहने जैसी समस्याओं से जूझते देखा होगा. यह भी कैफीन का ही साइड इफेक्ट होता है.

शरीर में ज्यादा कैफीन जाने के साइड इफेक्ट्स के कारण ही एक्सपर्ट एक लिमिट में चाय पीने की सलाह देते हैं. एक दिन में अधिकतम 3-4 कप चाय सही मानी गई है.

डॉक्टरों का कहना है कि यदि आप दिन में महज दो कप चाय पीते हैं तो यह दवा जैसी साबित होती है. इससे ज्यादा चाय पीने पर आपकी बॉडी में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है, जो नुकसानदेह होती है.

चाय पीने का सबसे सही समय ब्रेकफास्ट करने के 1 घंटे बाद होता है. सुबह जागने के कम से कम 2 घंटे बाद ही चाय पीनी चाहिए. रात में सोने से पहले चाय नहीं पीनी चाहिए.