Jul 5, 2024, 11:38 AM IST

वो तवायफ जो बनी थी मुगलों की तबाही की वजह

Ritu Singh

मुगलों के लंबे-चौड़े हरम होते थे लेकिन कुछ अइय्याश राजा ऐसे थे जो तवायफों के चक्कर में भी पड़ गए थे.

एक ऐसा ही मुगल बादशाह था  मुगल बादशाह नसीरुद्दीन मुहम्मद शाह जिसकी जमी जमाई सलतनत को एक तवायफ ने उजाड़ दिया था.

नसीरुद्दीन शराब और शबाब का खासा शौकीन था और इसी का फायदा उसके दुश्मनों ने उठाया और एक तवायफ को उसकी जिंदगी में भेज दिया.

ये तवायफ बेहद हिम्मती और खूबसूरत थी. इसका नाम था नूर बाई और ये दिल्ली की हवेली में रहती थी.

मुगलों की ताकत, रुतबा और खजाने पर नादिर शाह  की नजर थी और नूर बाई बादशाह की इतनी खास बन गई थी कि वह उनके निजी कमरों तक पहुंच चुकी थी.

इसी बीच नूरबाई को एक दिन पता चला की बादशाह अपनी पगड़ी में हीरा रखते हैं, ये कोई आम हीरा नहीं था बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाने वाला कोहिनूर था.

यही वो समय था जब नूर बाई की नीयत बदल गई. नूर बाई ने ये बात दिल्ली पर आक्रमण करने की इच्छा रखने वाले ईरानी शासक नादिर शाह को बता दी.

फिर नादिर शाह ने साल 1939 में दिल्ली पर आक्रमण कर उससे उसकी सल्तनत छीन ली. इस दौरान उसने बादशाह से खजाना लूट लिया 

और इसके 56 दिन बाद इरान जाने से पहले उसने नादिर शाह ने फिर से दिल्ली की सल्तनत बादशाह को सौंपने का फैसला सुनाया.

फिर नादिर शाह ने कहा कि उनके यहां पगड़ी बदलने की एक रस्म होगी और बादशाह के पास नादिर शाह के सामने न कहने का विकल्प ही नहीं था. 

कहते हैं ये पूरी चाल  नूर बाई ने ही रची थी. वो बादशाह को पंसद नहीं करती थी. इस तरह ये बेशकीमती हीरा नादिर शाह भारत से ईरान ले गया और मुगल सलतनत उजड़ गया.