पेरिस ओलंपिक 2024 का आगाज हो चुका है और खेल भी काफी रोमांचक हो रहे हैं.
हालांकि ओलंपिक का आगाज साल 1896 में पहली बार हुआ था.
हर साल ओलंपिक के वेन्यू में बदलाव होते रहते हैं. लेकिन सिर्फ एक ही चीज है, जिसमें कोई बदलवा नहीं होता.
लेकिन ओलंपिक में 5 रिंग्स वाला सिंबल नहीं बदलता है.
आज आपको बताएंगे कि सिंबल में 5 रिंग्स ही क्यों होते हैं और इसका क्या मतलब है.
बता दें कि ओलंपिक के फाउंडर पियरे डे कोबेर्टिन ने साल 1913 में 5 रिंग्स का सुझाव दिया था.
ओलंपिक में इन 5 रिंग्स को 5 महाद्वीपों अफ्रीका, अमेरिका, एशिया, यूरोप और ओशिआनिया को संबोधित के लिए बनाया गया है.
इन 5 छल्लों का मतलब है कि दुनियाभर के एथलीटों के बीच फ्रेंडली कॉम्पिटिशन और महाद्वीपों का मिलन और खेल भावना को बढ़ावा दना है.
हालांकि इन 5 रिंग्स के रंग में काला, नीला, पीला, हरा और लाल होता है. इन रंग को इसलिए चुना गया है. क्योंकि इसमें हर रंग हिस्सा वाले देश के ध्वज में होता है.
ओलंपिक में 5 रिंग्स इस लिए ओवर लैप होते हैं, क्योंकि ये दुनिया की एकता और एक-दूसरे से जुड़े रहने का संदेश देता है.