आज हम आपको उन 7 जानवरों से मिलाने जा रहे हैं जिनमें रंग बदलने की अद्भुत क्षमता होती है.
आर्कटिक खरगोश(Lepus arcticus) का संग सर्दियों में भूरे या ग्रे से सफेद हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह बदलाव इसे मिलने वाली रोशनी की मात्रा से जुड़ा है.
क्रैब स्पाइडर अपने आसपास के वातावरण के साथ घुलने मिलने के लिए रंग बदलने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं. इससे उन्हें शिकारियों से बचने और अपने शिकार पर घात लगाने में मदद मिलती है.
गिरगिट परिस्थितियों के हिसाब से अपना रंग बदल सकता है. रंग बदलने के लिए यह क्रोमैटोफोर नाम की विशेष त्वचा कोशिकाओं का इस्तेमाल करता है जिससे इसे पर्यावरण के साथ घुलने मिलने में मदद मिलती है.
साइनेआ ऑक्टोपस भी पर्यावरण के अनुसार रंग बदल सकता है. अपनी त्वचा के रंग और बनावट को एडजस्ट करके यह अपने आसपास के वातावरण में आसीन से घुलमिल सकता है.
पैसिफिक ट्री फ्रॉग वातावरण में घुलने मिलने के लिए अपना रंग बदल सकते हैं. अपनी त्वचा में मौजूद रंगद्रव्य को एडजस्ट करके वे हरे से भूरे या ग्रे रंग में बदल सकते हैं.
कटलफिश क्रोमैटोफोरस नाम की पिगमेंट कोशिकाओं और इरिडोफोरस नाम की प्रकाश परावर्तक कोशिकाओं को एडजस्ट करके रंग बदलती है. इससे वह भी आसानी से पर्यावरण में घुलमिल सकती है.