Apr 13, 2024, 02:03 PM IST
श्री कृष्ण और सुदामा की दोस्ती के किस्से मशहूर हैं.
भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यावस्था से कई लीलाएं और कथाएं प्रचलित हैं.
कई कथाओं में कृष्ण के मित्रों का जिक्र भी किया गया है.
कृष्ण ने सुदामा को वचन दिया था कि मित्र तुम जब भी संकट में खुद को पाओ मुझे याद करना.
क्या आप जानते हैं कि कृष्ण के प्रिय दोस्त सुदामा का वध किसने किया था?
सुदामा और विराजा नाम के दो कृष्ण भक्त माता राधा और श्री कृष्ण के गोलोक धाम में रहते थे.
सुदामा और विराजा में से एक का अपमान करने पर राधा जी ने सुदामा को दानव रूप में जन्म लेने का श्राप दे दिया था.
जिसके बाद विराजा का जन्म धर्म ध्वज के यहां तुलसी और सुदामा का राक्षस कुल में शंखचूंण के रूप में हुआ.
यह वही शंखचूंण था जिसने तीनों लोकों में हाहाकार मचा रखा था. स्वर्ग से लेकर पृथ्वी तक को अपनी शक्तियों से भयभीत कर रखा था.
तुलसी का शंखचूंण से विवाह हुआ था. सतीत्व की मर्यादा निभाने के कारण तुलसी का पत्नी धर्म शंखचूंण की रक्षा करता था.
कोई भी उसे युद्ध में हरा नहीं पाता था. तब श्री कृष्ण की सहायता से भगवान शिव ने इसका वध किया था.
इस प्रकार भगवान शिव ने सुदामा का वध किया था लेकिन उनके पुनर्जन्म में किया था.