Jan 16, 2024, 12:42 PM IST

कैकयी ने भगवान राम के लिए 14 वर्ष का वनवास ही क्यों मांगा था? जान लें राजकीय नियम 

Ritu Singh

राजा दशरथ से कैकयी नें भगवान राम के लिए 14 साल का वनवास मांगा था और ये 14 साल ही क्यों था इसके पीछे एक खास वजह थी.

कैकयी अपने पुत्र भरत को अयोध्या के राज गद्दी पर बिठाना चाहती थीं और इसके लिए उन्होंने भगवान राम को वनवास देने की मांग की थी.

ये कहानी तो आप जानते हैं लेकिन इसके पीछे की कहानी वाल्मिकी रामायण में है. असल में कैकयी को श्रीराम को वनवास भेजने का मौका एक खास वाक्ये से मिला था.

दरअसल राजा दशरथ ने उनके कुल गुरु मुनि वशिष्ठ के साथ परामर्श कर श्री राम को भावी राजा बनाने और उनका राज्याभिषेक करने का निर्णय लिया था. यह बात कैकेयी माता को 14 दिन के बाद पता चली थी. 

इसी वाक्ये के बाद कैकयी ने 14 दिन तक राजा दशरथ द्वारा बात छुपाने के बदले श्री राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांगा था. हालांकि इस 14 वर्ष के वनवास के पीछे राजकीय नियम भी था एक कारण.

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, त्रेता युग में राजकीय नियम बहुत सख्त होते थे. इन्हीं नियमों के तहत एक नियम यह भी था कि अगर कोई राजा 14 वर्ष के लिए राज सिंहासन त्याग देता है और राज पाठ से दूर हो जाता है तो उसके बाद उसे पुनः राजगद्दी का सुख नहीं मिलता.

माता कैकेयी को भान था कि अगर राम भी राजपाठ से 14 साल तक दूर रहे तो उन्होंने राजा बनने का मौका दोबारा नहीं मिलेगा लेकिन कैकयी अपने पुत्र भरत से ही हार गई थीं क्योंकि वह भगवान राम को ही राजा बनाना चहाते थे.