Mar 16, 2024, 08:09 AM IST

इन 5 गांवों की वजह से हुआ था महाभारत का युद्ध, जानिए इनके नाम

Nitin Sharma

द्वापर युग 18 दिनों तक चले महाभारत युद्ध के साक्ष्य आज भी धरती पर मौजूद हैं. 

महाभारत युद्ध लड़ाई की एक बड़ी वजह जमीन और राज्यों का बंटवारा भी था, जिसके लिए कौरवों और पांडवों के बीच बड़ा घमासान हुआ. 

महाभारत युद्ध में करीब सवा करोड़ सैनिक और योद्धा मारे गये. इनमें 70 लाख से ज्यादा कौरव और करीब 45 लाख पांडव सेना शामिल थी. 

महाभारत युद्ध को टालने के लिए भगवान श्री कृष्ण शांतिदूत बनकर हस्तीनापुर पहुंचे थे. उन्होंने कौरवों से पांडवों को इन 5 जगहों को देने के लिए कहा था.

श्री कृष्ण ने 5 गांव देकर लड़ाई  को टालने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन दुर्योधन ने भगवान का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया. 

आइए जानते हैं वो 5 कौन कौन सी जगह हैं, जिनकी वजह से महाभारत युद्ध हुआ. 

महाभारत युद्ध में लड़ाई की वजह बनी सबसे पहली जगह इंद्रप्रस्थ है. दिल्ली में स्थित इंद्रप्रस्थ को श्रीपत भी कहा जाता था. पांडवों ने ही इसे बसाया था. मयासुर ने यहां श्री कृष्ण के कहने पर महलों का निर्माण किया था.

पांडवों ने कौरवों से बागपत की मांग की थी. बागपत को बाघपत कहा जाता था. यहां पर बाघों की रहने की जगह थी. इसलिए इसे बाघपत कहा जाता था.

पांडवों द्वारा मांगे गये 5 गांवों में से एक पानीपत भी है. इसे पांडुप्रस्थ भी कहा जाता है. इसी के पास बसे कुरुक्षेत्र से महाभारत युद्ध की शुरुआत हुई थी.

दिल्ली से सटा सोनीपत भी पांडवों की पसंद था. इसे स्वर्णप्रस्थ कहा जाता था. आज यह जगह हरियाणा का एक जिला है. 

हरियाणा के फरीदाबाद स्थित तिलपत को तिलप्रस्थ कहा जाता  था. यह गांव भी पांडवों की पसंद थी. हालांकि कौरवों ने इसे भी देने से इनकार कर दिया था. जिसकी वजह से युद्ध हुआ.