Feb 8, 2024, 01:45 PM IST
हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का त्योहार विशेष रूप से मनाया जाता है. इसका बड़ा महत्व है. बसंत पंचमी माघ महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. कुछ जगहों पर इसे सरस्वती पूजा भी कहा जाता है.
मान्यता है कि इस दिन देवी सरस्वती की आराधना के साथ ही माता के प्रिय भोग लगाने पर विशेष कृपा प्राप्त होती है.
माता को उनके प्रिय भोग लगाने से सरस्वती मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है. व्यक्ति के जीवन में सभी काम बनते चले जाते हैं.
बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ ही बेसन के लड्डूओं का भोग लगाने चाहिए. इससे माता रानी प्रसन्न होती है. देवी को देसी घी में बने बेसन के लड्डू का भोग बेहद प्रिय है. इससे देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
मां सरस्वती को पीले रंग के केसर वाले मीठे चावलों का भोग लगाना शुभ होता है. इनमें देसी घी, चीनी, सूखी मेवा और केसर मिलाकर चावल बनाये. इसका भोग मां सरस्वती को लगाने के बाद प्रसाद को परिवार समेत ग्रहण कर लें. इससे माता रानी प्रसन्न होती हैं. व्यक्ति को सदबुद्धि और प्यार देती हैं.
माता सरस्वती को पीली बूंदी भी बेहद पसंद है. इसे माता रानी के भोग प्रसाद में शामिल किया गया है. माता रानी को बूंदी का भोग लगाने से माता रानी प्रसन्न होती हैं. भोग के बाद इसे प्रसाद को रूप में जरूरतमंदों को बांट दें. इससे भाग्य चमक जाएगा.
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को राजभोग का भोग लगाकर उसे प्रसाद स्वरूप बांट दें. इससे माता की कृपा प्राप्त होने के साथ ही सौभाग्य की वृद्धि होती है. इस दिन किसी जरूरतमंद को पीले रंग के कपड़े और सामना भेंट करने से भी सफलता मिलती है.
घर में बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है. अड़चनें आ रही है तो बसंत पंचमी पर माता सरस्वती को मालपुए का भोग लगाये. माता की पूजा अर्चना करें. ऐसा करने से मानसिक विकास होता है. व्यक्ति की बुद्धि भी तेज होती है.
बंसत पंचमी के दिन मां सरस्वती को खीर का भोग भी लगा सकते हैं. यह भी माता के प्रिय भोग में से एक है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.