Jun 12, 2024, 11:35 AM IST

आपकी सोच बदल देंगे गीता के ये 8 उपदेश, हर कदम पर मिलेगी सफलता

Aman Maheshwari

मनुष्य को फल की इच्छा छोड़कर कर्म पर ध्यान देना चाहिए. अच्छा कर्म करने से उसके अनुरूप फल मिलता है.

अपना नजरिया हमेशा स्पष्ट रखना चाहिए. संशय की स्थिति में रहने वाले व्यक्ति का कभी भी भला नहीं हो सकता है.

अगर व्यक्ति अपने मन पर काबू पा लेता है तो इससे वह बेकार की चिंताओं से दूर रह सकता है. ऐसे में आसानी से लक्ष्य हासिल कर सकता है.

श्रीकृष्ण कहते हैं कि सभी दुखों का कारण हमारी इच्छाएं हैं. सुखी रहने के लिए इच्छाओं पर नियंत्रण रखना बहुत ही जरूरी है. इससे आप सुखी रहेंगे.

मनुष्य को खुद का आकलन करना चाहिए. इंसान को खुद से बेहतर कोई नहीं जानता है. अपने गुणों और अवगुणों को पहचान अच्छा व्यक्तित्व का निर्माण करें.

क्रोध कभी भी अपने ऊपर हावी न होने दें. गुस्सा आने पर खुद को शांत करने का प्रयास करना चाहिए.

क्रोध आने पर व्यक्ति नियंत्रण खो देता है और गुस्से में ऐसा कुछ कर सकता है जिससे खुद को नुकसान हो सकता है. क्रोध से बचना चाहिए.

गीता में उपदेश हैं कि, इंसान को अच्छे के साथ अच्छा बनना चाहिए. लेकिन कभी भी बुरे के साथ बुरा नहीं बनना चाहिए. ऐसा करना गलत होता है

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.