रामायण का काल त्रेतायुग था और उस समय भगवान राम से लेकर रावण तक कौन सी भाषा बोलते थे, क्या आपको पता है.
हिंदी-संस्कृत या तेलगू किस भाषा का प्रयोग भगवान रामजी या रावण करते रहे होंगे. लोगों को लगाता है कि श्रीराम संस्कृत में वार्तालाप करते होंगे, लेकिन रावण तो लंका का रहने वाला था, जहां हिंदी या संस्कृत नहीं बोली जाती थी इसलिए वह तमिल भाषी रहा होगा.
तो चलिए जान लें कि त्रेतायुग में संस्कृत ही बोली जाती थी और भगवान राम ही नहीं, रावण भी संस्कृत में बात करता था. इसके कई सबूत है.
पहला रावण का जन्म उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर से कुछ ही किलोमीटर दूर बिसरख नाम का गांव है, जहां रावण का जन्म हुआ था और उसकी ससुराल मेरठ थी.
रावण चारों वेदों का ज्ञानी था और वेद तो संस्कृत में ही लिखे गए थे.
इसके अलावा, एक यह बात भी सामने आती है कि रावण ब्राह्मण था और इस नाते से संस्कृत जरूर जानता होगा.
शिव तांडव स्तोत्र की रचना भी रावण ने ही की थी और ये संस्कृत में है.