महाभारत में अर्जुन को मारने के लिए कर्ण के पास एक ऐसा अस्त्र था जिसका वार कभी खाली नहीं जाता था.
लेकिन कर्ण ने एक चूक ऐसी कर दी की वो अस्त्र का प्रयोग अर्जुन की जगह किसी और पर कर दिया.
असल में अर्जुन के लिए कर्ण ने इंद्र से मिले दिव्यास्त्र को रखा था और ये ऐसे तीर था जिसे चलाने के बाद किसी की भी मृत्यु निश्चित थी.
कर्ण ने दिव्यास्त्र का प्रयोग घटोत्कच पर कर दिया था क्योंकि अगर घटोत्कच को न मारा जाता तो कौरवों का बचना मुश्किल था.
यही देख कर कर्ण ने धटोत्कच पर दिव्यास्त्र का प्रयोग कर दिया और इस कारण अर्जुन की जान बच गई.
घटोत्कच के वध से पांडव दुखी थे, श्रीकृष्ण प्रसन्न थे ये देखकर अर्जुन ने इसका कारण जानना चाहा
तब कृष्ण ने बताया कर्ण के पास दिव्यास्त्र था और कर्ण उससे उन्हें ही मारने के लिए बचा रखा था. और अब यह संभव नहीं होगा.
कृष्ण ने कहा की वैसे भी कर्ण घटोत्चक का वध नहीं करता तो एक दिन उन्हें इसका वध करना पड़ता, क्योंकि वह ब्राह्मणों और यज्ञों से शत्रुता रखने वाला राक्षस था .