वाल्मिकी कृत रामायण में कम से कम 24,000 श्लोक हैं. छोटी रामायण में 10 श्लोक हैं. जो मूल रामायण के नाम से प्रसिद्ध है.
इसके बाद 'एकश्लोकी रामायण' भी है. जिसमें संपूर्ण रामायण को एक श्लोक में सुनाने का पुण्य प्राप्त होता है. इस श्लोक या इस मंत्र का जाप करने से श्रीराम और हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है.
एक बार भगवान श्रीराम वनवास चले गये. वहां उन्होंने सोने के हिरण का पीछा किया और उसे मार डाला.उसी समय उनकी पत्नी वैदेही (माँ सीता) का रावण ने अपहरण कर लिया.
अर्थ:
पक्षीराज जटायु उनकी रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. इसके बाद श्रीराम ने सुग्रीव से मित्रता की और श्रीराम ने उनसे विचार-विमर्श किया.
उन्होंने सुग्रीव के दुष्ट भाई बाली को मार डाला. फिर समुद्र पर पुल बनाकर पार किया गया. हनुमान जी ने लंकापुरी को पूरी तरह जला डाला.
इसके बाद रावण और कुम्भकर्ण का वध हुआ. यह संपूर्ण रामायण का सारांश है.