Dec 8, 2023, 03:23 PM IST

गुरु के आवाज लगाते ही गोबर से पैदा हो गए थे ये महान संत

Kuldeep Panwar

आज हम आपको एक ऐसे महान संत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका जन्म गोबर से हुआ था. उनके गुरु ने एक आवाज लगाई और वे गाय के गोबर से निकलकर बाहर आ गए.

ये महान संत गुरु गोरखनाथ थे, जिन्होंने नाथ संप्रदाय की स्थापना की थी. इसी संप्रदाय के मौजूदा महंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं.

गुरु गोरखनाथ के गुरु मत्स्येंद्रनाथ थे. मान्यता है कि गुरु मत्स्येंद्रनाथ ने एक बार गोदावरी नदी के किनारे चंद्रागिरि इलाके में एक निसंतान स्त्री सरस्वती से भिक्षा मांगी. 

सरस्वती ने भिक्षा दी. गुरु मत्स्येंद्रनाथ ने उसे सौभाग्यशाली होने का आशीर्वाद दिया, लेकिन उसके चेहरे पर घोर दुख बना रहा. ये देखकर गुरु मत्स्येंद्रनाथ के पूछने पर उसने संतान नहीं होने का दुख गुरु से कह दिया.

गुरु मत्स्येंद्रनाथ ने उसे एक विभूति दी और उसे खाने के लिए कहकर संतान होने का आशीर्वाद दिया. इसके बाद वे वहां से चले गए.

सरस्वती ने गुरु मत्स्येंद्रनाथ की बात पर यकीन नहीं किया और विभूति को खाने के बजाय पास ही में गोबर के ढेर पर उसे फेंक दिया.

गुरु मत्स्येंद्रनाथ घूमते हुए 12 साल बाद दोबारा वहां पहुंचे. उन्होंने फिर से भिक्षा मांगी और सरस्वती से उसकी संतान के बारे में पूछा. सरस्वती ने उनसे सारी कहानी बता दी.

गुरु मत्स्येंद्रनाथ ने उससे कुछ नहीं कहा. उन्होंने अलख निरंजन की हुंकार लगाई और आवाज लगाकर गोरख को बुलाया. तत्काल गोबर के ढेर से 12 साल का एक बालक निकल आया.

गुरु मत्स्येंद्रनाथ ने गोबर से निकलने के चलते बालक को गोरख नाम दिया और अपने शिष्य के तौर पर दीक्षा देकर उसे साथ ले गए. 

बाद में गोरखनाथ महान संत बनें. उन्होंने नाथ संप्रदाय की स्थापना की. वे महान सिद्धियों के ज्ञाता माने जाते थे, जिन्हें पूरा संत समाज बेहद श्रद्धा भाव से मानता है.