Jan 16, 2024, 02:21 PM IST
वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम की मुलकात हनुमान जी से हुई थी. माता सीता के हरण के बाद उनकी खोज में श्रीराम और लक्ष्मण दोनों भाई वन-वन भटक रहे थे.
प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण के वन में भटकने के दौरान ही राम जी की मुलाकात हनुमान जी से हुई थी. प्रभु श्रीराम ने कबन्ध का उद्धार किया था जो एक राक्षस था.
कबन्ध ने भगवान राम को सुग्रीव से मित्रता करने की सलाह दी थी. जब प्रभु श्रीराम सुग्रीव को खोजते हुए ऋष्यमूक पर्वत पर पहुंचे तो सुग्रीव भयभीत हो गया.
सुग्रीव ने पवनपुत्र हनुमान जी से रक्षा के लिए कहा और बोला कि जाकर पता करें कि यह दोनों मायावी पुरुष कौन हैं.
हनुमान जी एक साधु के रूप में श्रीराम और लक्ष्मण जी के पास गए. हनुमान जी साधु के वेष में प्रभु से बोलें - हे सांवले और गोरे शरीर वाले वीर! आप कौन हैं.
तब प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण ने अपना परिचय दिया. हनुमानजी ने प्रभु का नाम सुनते ही अपने असली रूप में आए और राम जी के चरण पकड़ लिये.
प्रभु श्रीराम ने हनुमान जी को उठाया और अपने हृदय से लगा लिया. इस तरह प्रभु श्रीराम और हनुमान जी की मुलाकात हुई थी