Apr 25, 2023, 04:01 PM IST

चार देशों की सीमा पर मौजूद है मां भगवती का शक्तिपीठ, यहां माता की नाभि की होती है पूजा

Aman Maheshwari

भारत के उत्तर में स्थित मां पूर्णागिरी माता का मंदिर चीन, तिब्बत और नेपाल की सीमा से लगे हुए इलाके में है. यह मंदिर इन सभी देशों की सीमा से लगने वाले एक भारत के गांव में स्थित है.

यह मंदिर माता के शक्तिपीठों में से एक है. यह मंदिर उत्तराखंड के चम्पावत के अंतिम छोर पर स्थित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां सती माता की नाभि गिरी थी. इस मंदिर में माता की नाभि की पूजा होती है.

यह मंदिर सिर्फ चार देशों की सीमा से लगने की वजह से ही नहीं बल्कि अपनी रहस्यमयी बातों के लिए भी प्रसिद्ध है.

उत्तराखंड में स्थित इस मंदिर की स्थापना साल 1632 में की गई थी. लोग इस मंदिर के दर्शन करने से पहले भैरव बाबा के दर्शन के लिए जाते हैं.

ऐसी मान्यता है कि बाबा भैरवनाथ यहां द्वारपाल के रूप में विराजमान थे. यहीं वजह है कि उनके दर्शन के बाद ही माता के दर्शन होते हैं.

पूर्णागिरी मंदिर के पास नेपाल में सिद्ध बाबा का मंदिर भी है. यहां पर भी लोग दर्शन के लिए जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि माता जब स्नान कर रही थी तभी वह वहां पहुंच गए थे फिर माता ने उन्हें उठाकर नेपाल में फेंक दिया था. हालांकि बाद में उनकी भक्ति देख माफ भी कर दिया था.

पूर्णागिरी धाम में स्थित है "झूठा मंदिर" यहां पर एक सेठ ने पुत्र प्राप्ति के लिए मन्नत मांगी थी कि वह पुत्र प्राप्ति पर सोने का मंदिर बनवाएगा. हालांकि मन्नत पूरी होने पर उसने सोने का पानी चढ़ाकर मंदिर बनवाया था.