Mar 27, 2024, 12:18 PM IST

महाभारत युद्ध में अश्वत्थामा ने अमर होने की क्या चुकाई थी कीमत?

Abhishek Shukla

अश्वत्थामा को भगवान कृष्ण से अमरता का शाप मिला है.

उसने पांडवों का वंश नाश करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी.

अश्वत्थामा से बड़ा अपराध किसी ने भी नहीं किया था.

अश्वत्थामा पांडवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य का पुत्र था लेकिन उसने इसका मान नहीं रखा.

द्रोणाचार्य  के वध का बदला लेने के लिए उसने द्रौपदी के पांच सो रहे पुत्रों को मार डाला था. अश्वत्थामा उन्हें पांडव समझ कर मार आया था.

उसने उत्तरा की कोख में पल रहे अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित पर भी ब्रह्मास्त्र चलाकर पांडवों के वंश का समूल नाश करने की कोशिश की थी.

उसके इस कृत्य से कौरव भी खुश नहीं हुए थे. कौरव और पांडव एक ही कुल के थे. उन्हें भी दुख हुआ था.

भगवान ने जब सुना तो उन्होंने अश्वत्थामा के माथे की मणि निकलवा ली.

वह हमेशा भटकता रहता है, उसके सिर से मवाद निकलता है, उसका जीवन नारकीय बन गया है.