Jun 8, 2024, 04:28 PM IST

नदी में गिरे वीर्य से पैदा हुईं थी महाभारत की ये रानी, जो कौरवों की थी परदादी

Aditya Katariya

महाभारत की कहानी की शुरुआत सत्यवती से होती है, जो हस्तिनापुर के राजा शांतनु की पत्नी, पांडु-धृतराष्ट्र की दादी और पांडवों-कौरवों की परदादी थीं. 

लेकिन क्या आपको पता है कि सत्यवती जो कि पांडवों और कौरवों की परदादी थी वह कैसे पैदा हुईं थी. इनके जन्म की कहानी सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे.

ऋषि व्यास के अनुसार उस समय चेदि नाम का एक देश होता था, जिसके राजा उपरिचर वसु थे. एक दिन राजा शुक्तिमत नाम की नदी में शिकार करने के लिए गए थे. 

तभी वह अपनी पत्नी गिरिका को याद करने लगे. इससे वह कामासक्त हुआ जिससे उसका वीर्य बाहर आ गया. उसने इस वीर्य को एक बाज को दिया और कहा कि इसे उसकी पत्नी तक ले जाए . 

लेकिन जब बाज वहां से जा रहा तो रास्ते में उस पर किसी ने हमला कर दिया, जिसके कारण ये वीर्य नदी में गिर गया था. 

उस समय नदी में अद्रिका नाम की एक अप्सरा रहती थी. उसके मुंह के जरिए ये वीर्य शरीर में प्रवेश कर गया था जिससे वह गर्भवती हो गई थी. ब्रह्मशाप के चलते अद्रिका मछली में बदल गई थी.

कुछ महीनों बाद जब एक मछुवारे ने मछली पकड़ने के लिए जाल फेंका तो उसके जाल में ये मछली फंस गई. मछुवारे को इस मछली के पेट में से एक नवजात लड़का और लड़की मिले,जिसे वह राजा के पास ले गया.  

राजा उपरिचर ने लड़का और लड़की को मछुआरे को सौंप दिया. उसने लड़के का नाम मतस्य रखा, जो आगे चलकर धार्मिक राजा बना.

वहीं, लड़की का नाम मतस्यगंधा रखा जो कि सत्यवती थी. लड़की जैसे-जैसे बड़ी होती गई, वैसे-वैसे बहुत ज्यादा खूबसूरत होती गई. उसके शरीर से ऐसी खुशबू आती थी कि दूर तक लोग उसे खुशबू से पहचान लेते थे.

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.