Jun 6, 2024, 11:08 AM IST

पांच पांडवों में केवल युधिष्ठिर को ही क्यों मिला सशरीर स्वर्ग में स्थान?

Abhay Sharma

महाभारत युद्ध के उपरांत महर्षि वेदव्यास के कहने पर पांचों पांडवों ने राज-पाट का सुख छोड़कर सशरीर स्वर्ग जाने का फैसला किया. 

लेकिन, द्रौपदी और पांचों भाइयों में केवल युधिष्ठिर ही सशरीर स्वर्ग पहुंचे, पौराणिक कथाओं के अनुसार पांचों भाइयों के साथ एक कुत्ता भी था. 

कथा के अनुसार स्वर्ग के रास्ते द्रौपदी लड़खड़ाकर गिर पड़ीं और फिर नकुल, सहदेव, अर्जुन और अंत में भीम भी गिरकर मृत्यु को प्राप्त हो गए. 

अंत में केवल युधिष्ठिर बचे, कुछ दूर चलने पर उन्हें स्वर्ग ले जाने के लिए स्वयं देवराज इन्द्र अपना रथ लेकर आ गए.  

उन्होंने इन्द्र देव से कहा कि मेरे भाइयों और द्रौपदी को भी साथ ले चलें. तो इन्द्र देव ले कहा कि वे सभी पहले ही स्वर्ग पहुंच चुके हैं. वे सभी शरीर त्यागकर स्वर्ग पहुंचे हैं, लेकिन आप सशरीर स्वर्ग जाएंगे.

इसके बाद युधिष्ठिर ने अपने कुत्ते को भी साथ स्वर्ग ले जाने की इच्छा जताई, लेकिन इन्द्र देव ने इस बात से मना कर दिया. लेकिन काफी देर जब  युधिष्ठिर बिना कुत्ते के स्वर्ग जाने के लिए नहीं माने..

तो इस बात से वहां कुत्ते के रूप में मौजूद यमराज अपने वास्तविक स्वरूप में आ गए और युधिष्ठिर को अपने धर्म में स्थित देखकर यमराज बहुत प्रसन्न हुए. 

इसके बाद देवराज इन्द्र युधिष्ठिर को अपने रथ में बैठाकर स्वर्ग ले गए, इस प्रकार वह सशरीर स्वर्ग में पहुंचे.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.