Jan 9, 2024, 03:42 PM IST

चाणक्य की ये 6 बातें मान लें तो दुनिया जीतने की कला सीख जाएंगे

Ritu Singh

परिश्रम से कोई गरीबी नहीं होगी, धर्म से कोई पाप नहीं होगा, मौन से कोई परेशानी नहीं होगी और जागने से कोई भय नहीं होगा. 

ब्राह्मणों की शक्ति विद्या है, राजाओं की शक्ति उनकी सेना है. वैश्यों की शक्ति उनका धन है और शूद्रों की शक्ति दूसरों की सेवा करना है. उस ज्ञान को प्राप्त करना ब्राह्मणों का कर्तव्य है. सैनिकों के माध्यम से अपनी शक्ति बढ़ाना राजा का कर्तव्य है. वैश्य का कर्तव्य व्यापार के माध्यम से धन बढ़ाना है. शूद्र का कर्तव्य श्रेष्ठ लोगों की सेवा करना है. 

संसार एक कड़वा वृक्ष है. इसके केवल दो फल मीठे होते हैं. एक तो मधुर वाणी और दूसरा सज्जन व्यक्ति की संगति. 

वह गृहस्थ भी सुखी होता है, जिसके बच्चे उसकी आज्ञा मानते हैं. पिता का भी कर्तव्य है कि वह अपने पुत्रों का अच्छे से पालन-पोषण करे. साथ ही ऐसे पुरुष को मित्र नहीं कहा जा सकता जिस पर विश्वास न किया जा सके और ऐसी पत्नी व्यर्थ है जिससे किसी भी प्रकार का सुख प्राप्त न हो. 

जिस मनुष्य का पुत्र उसके वश में रहता है, जिसकी पत्नी उसकी आज्ञा मानती है और जो उसके कमाए हुए धन से पूर्ण संतुष्ट रहता है, उसके लिए यह संसार स्वर्ग के समान है.

चाणक्य की बताई गईं ये बातें आपको दुनिया में अलग पहचान दिलाएंगी.

जो दोस्त आपके सामने चुगली करता हो और पीठ पीछे आपका काम बिगाड़ता हो, उसे छोड़ देना ही बेहतर है. चाणकय कहते हैं कि मित्र उस बर्तन की तरह है, जिसके ऊपर तो दूध है लेकिन अंदर जहर है.