Jan 8, 2024, 01:27 PM IST

देवी सीता ने इस तपोवन में काटा था अज्ञातवास, यहीं पले थे लव-कुश 

Ritu Singh

 जनश्रुति है कि भगवान श्रीराम के आयोध्या लौटने के बाद देवी सीता एक बार फिर तपोवन में चली गईं थीं और यहीं पर उन्होंने अपने और भागवान राम के जुड़वा पुत्र लव-कुश का पालन किया था.

बता दें कि अयोध्या की प्रजा की बात रखने के लिए भागवान राम ने देवी सीता को वन भेजा था और देवी महर्षि वाल्मिकी के आश्रम में आ गई थीं और यहीं लव-कुश यही पले-बढ़े थे, लेकिन ये तपोवन था कहां, चलिए जानें.

मौजूदा समय में ये तपोवन खड़गपुर के झाड़ग्राम जिला स्थित नयाग्राम मे था और यहां आज भी देवी सीता की मौजूदगी के साक्ष्य मिलते हैं.

इसी जंगल के बीच स्थित है तपोवन में वाल्मिकी आश्रम था जहां आज भीू लव-कुश मंदिर, वाल्मिकी समाधि और हवन कुंड आदि नजर आता है.

आश्रम के पास ही सीता नाला स्थित है. अत्यंत क्षीण हो चुकी इस जलधारा का पानी इतना साफ है कि नीचे की मिट्टी भी साफ दिखाई पड़ती है. जलधारा का पानी हल्का पीलापन लिए हुए हैं.

मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान देवी सीता लव-कुश को इसी जलधारा में हल्दी का लेप लगा कर स्नान कराया करती थी. इसी कारण यहां का पानी पीलापन लिए हुए हैं,

इस स्थान पर वाल्मिकी हवन कुंड है. आश्रम परिसर से महज तीन किलोमीटर दूर हनुमानधुनी है. तपोवन में कई ऐसी चीजें है जिनके सीता व लव-कुश के अज्ञातवास का साक्षी होने का दावा किया जाता है