हिमाचल प्रदेश के कांगडा में मां ज्वाला देवी का मंदिर स्थित है. यहां पर इस मंदिर में सदियों से बगैर तेल और बाती के ज्योत जल रही है.
मंदिर में 9 ज्योत जल रही है जो 9 देवी के स्वरूपों का प्रतीक मानी जाती है. यह मंदिर देशभर में खूब प्रसिद्ध है.
ज्वाला देवी का यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में भी शामिल है. यहां पर सती माता ही जीभ गिरी थी. इस मंदिर में जल रही ज्योत के बारे में जब अकबर को पता चला तो उसने इसे बुझाने का प्रयास किया.
बादशाह अकबर ने सेना की मदद से इसे बुझाने की कोशिश करी थी. हालांकि कई बार प्रयास करने के बाद भी वह इसे बुझा नहीं पाया.
अकबर ने ज्योत बुझाने के लिए ज्योत के स्थान पर लोहे के कड़े लगा दिए थे और इसपर नहर का पानी भी डाला था.
अकबर इस ज्योत को बुझा नहीं पाया ऐसे में वह मां के इस चमत्कार के आगे नसमस्तक हुआ था. इस चमत्कार के बाद अकबर मंदिर में सोने का छत्र चढ़ाने भी गया था.
लेकिन छत्र माता ने स्वीकार नहीं किया और वह किसी और धातू में बदल गया था. आप इस मंदिर में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से होते हुए जा सकत हैं.