Feb 14, 2024, 11:29 PM IST

इस मंदिर में रावण ने शिवलिंग पर काटकर चढ़ा दिया था अपना सिर

Nitin Sharma

भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपने अंदर अनोखी कहानी समेटे हुए हैं. इन्हीं में से एक भगवान शिव का मंदिर है. 

भगवान शिव का यह मंदिर राजस्थान के उदयपुर से करीब 70 किलोमीटर दूर झाड़ोली तहसील में आवारगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित है. इस प्राचीन मंदिर को कमलनाथ महादेव के नाम से जाना जाता है. 

पुराणों के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना महादेव के भक्त लंकापति रावण ने की थी.

रावण ने यहां भगवान शिव का शिवलिंग रखकर तपस्या की थी. उसने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तप किया था.

इस दौरान साढ़े बारह साल तक रावण महादेव की पूजा में हर दिन 108 कमल के फूल अर्पित कर लंबी तप करता था. 

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रावण ने घोर तपस्या शुरू कर दी. उसने भगवान को समक्ष लाने का प्रण लिया.

भगवान शिव ने रावण की पूजा में विघन्न डालने के लिए एक दिन 108 कमल के फूलों में एक फूल कम कर दिया.

रावण जब पूजा करने बैठा और भगवान शिव को फूल अर्पित किये तो एक गुलाब का फूल कम मिला. यह देखकर रावण ने अपना सिर काटकर हवन कुंड में डाल दिया.

यह देखकर भगवान शिव रावण की तपस्या से प्रसन्न हो गये. भगवान ने वरदान स्वरूप रावण की नाभि में अमृत कुण्ड की स्थापना कर दी. साथ ही दस सिर का वरदान दिया.

बताया जाता है कि इस मंदिर में महादेव से पहले रावण की पूजा की जाती है. यहां पर सभी मनोकामना पूर्ण होती है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)