Jul 24, 2024, 04:20 PM IST

इन 5 वजहों से महाभारत युद्ध हार गये थे कौरव

Nitin Sharma

द्वापर युग में हुए महाभारत युद्ध के साक्ष्य कलयुग में भी मिलते हैं. यह उस युग का सबसे बड़ा युद्ध था. 

महाभारत युद्ध में कौरवों के पास 18 और पांडवों के पास कुल 7 अक्षोहिनी सेना था. इसके बाद भी जीत पांडवों की हुई. 

पांडवों की इस जीत में भगवान श्रीकृष्ण का साथ तो माना ही जाता है. वहीं कौरवों की हार के पीछे ये 5 बड़े कारण बताये गये हैं. 

महाभारत युद्ध से लेकर उनकी हार के पीछे की सबसे बड़ी वजह कौरवों का अधर्मी होना था. इसी के चलते वह एक के बाद एक कई गलती करते चले गये.

युद्ध में कौरवों की दूसरी गलती दुर्योधन से तब हुई, जब वह श्रीकृष्ण के पास मदद मांगने पहुंचा. यहां दुर्योधन ने श्रीकृष्ण की जगह उनकी नारायणी सेना को मांगकर बड़ी चूक कर दी. 

कौरवों की तीसरी बड़ी गलती युद्ध के दौरान हुई. जब कौरवी सेना हारने लगी तो दुर्योघन भीष्म पितामह के पास पहुंच गये. उन्होंने भीष्म से कहा कि आप पूरी शक्ति से युद्ध नहीं लड़ रहे हैं. इस पर भीष्म ने 5 तीर निकालकर कहा कि वह इनसे पांचों पांडवों को मार देंगे. इन तीरों को दुर्योधन ले गया और वचन में बंधे होने के चलते यह तीर पांडवों को देने पड़े.

कौरवों की चौथी बड़ी गलती, जब घटोत्कच युद्ध भूमि में उतरा तो उसने सब कुछ तस नहस कर दिया. इससे दुर्योधन घबरा गया. उसने कर्ण से अमोघ अस्त्र चलाने को कहा, कर्ण के मना किया, लेकिन दुर्योधन के बहुत ज्यादा कहने पर कर्ण को अपने इस शस्त्र का इस्तेमाल करना पड़ा.

युद्ध के बीच अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मारने वाले जयद्रथ को मारने की कसम अर्जुन ने ले ली. इस पर जयद्रथ जाकर छिप गया, लेकिन जैसे ही उसे लगा कि सूर्यास्त हो गया. वह घमंड में आकर अर्जुन के सामने आकर खड़ा हो गया. इस पर अर्जुन ने उसका वध कर दिया. यह कौरवों की बड़ी चूक थी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)