Mar 19, 2024, 02:51 PM IST
महापापी और कुटिल शकुनि पर कृष्ण क्यों रखते थे दया भाव
Smita Mugdha
शकुनि को महाभारत के सबसे कुटिल किरदार में से माना जाता है.
शकुनि ने आजीवन दुर्योधन को अर्जुन और दूसरे पांडव भाइयों के खिलाफ भड़काने का काम किया था.
शकुनि के ही उकसाने पर दुर्योधन ने जुए में द्रौपदी को दांव पर लगाने की मांग की थी और चीर हरण भी किया था.
इसके बाद भी महाभारत युद्ध खत्म होने के बाद शकुनि के साथ पांडवों ने बुरा बर्ताव नहीं किया और वह तपस्या के लिए निकल गया था.
शकुनि का धृतराष्ट्र ने बहुत अपमान किया था और उसके पिता राजा सुबल और माता सुदर्मा, के साथ उसके 100 भाइयो को जेल में बंद कर दिया था.
राजा सुबल ने धृतराष्ट्र से शकुनि को छोड़ने की विनती की, जिसको धृतराष्ट्र ने मान लिया था. शकुनि का एक पैर तोड़ दिया, ताकि वह अपमान न भूले.
शकुनि को अपना राज्य गांधार छोड़ना पड़ा और उसकी बहन गांधारी का विवाह नेत्रहीन धृतराष्ट्र से हुआ था जिसकी उसे बहुत पीड़ा थी.
अपने पिता के अपमान का बदला लेने के लिए शकुनि ने कुरु वंश के नाश का संकल्प लिया था.
शकुनि के साथ अतीत में हुए अपमान और अन्याय को समझते हुए कृष्ण ने उसके प्रति दया भाव रखा था.
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