Oct 24, 2023, 06:10 AM IST

कर्ण का अंतिम संस्कार किसने किया था

Ritu Singh

युद्ध भूमि में जब कर्ण घायल होकर अपनी मृत्यु का इंतजार कर रहा था तब भगवान श्रीकृष्ण दानवीर कर्ण से  भिक्षा मांगने पहुंचे थे.

श्री कृष्ण ने तब अर्जुन से कहा था कि कर्ण को उसकी वीरता और दानवीर होने के लिए हमेशा याद किया जाएगा.

इस बात को सुनकर अर्जुन बोले कि वो सबसे बड़ा दानवीर कैसे हो सकता है. इस बात को साबित करने के लिए कृष्ण भगवान ब्राह्मण के भेष में पहुंचे और कर्ण को प्रणाम किया.

इस पर कर्ण ने उनसे वहां आने का कारण पुछा तो ब्राह्मण ने बताया कि मैं आप से कुछ दान मांगने आया था.लेकिन आप कि हालत देखकर अब कुछ नहीं मांगना चाहता क्योंकि आप इस हालत में क्या दे सकेंगे

यह सुनकर कर्ण ने पास पड़े पत्थर से अपने सोने के दांत तोड़कर ब्राह्मण को अर्पण कर दिए. इस दानवीरता से प्रसन्ना होकर भगवान कृष्ण अपने वास्तविक रूप में आ गए और कर्ण को वरदान मांगने को कहा.

कर्ण ने तब भगवान कृष्ण से 3 वरदान मांके थे. कर्ण ने वरदान रूप में अपने साथ हुए अन्याय को याद करते हुए भगवान कृष्ण के अगले जन्म में उसके वर्ग के लोगो के कल्याण करने को कहा था.

दूसरे वरदान रूप में भगवान कृष्ण का जन्म अपने राज्य लेने को माँगा और तीसरे वरदान के रूप में अपना अंतिम संस्कार ऐसा कोई करे जो पाप मुक्त हो.

इसीलिए भगवान ने उनका अंतिम संस्कार अपने हाथों पर किया था.