Jun 5, 2023, 08:04 PM IST
भगवान हनुमान सभी दिशाओं के रक्षाकर्ता कहलाते हैं. इतना ही संजीवनी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाने वाले हनुमानजी को संकटमोचक नाम भी दिया गया है. जो भक्त निस्वार्थभाव से हनुमान जी की पूजा करते हैं. उन्हें कभी कष्ट नहीं होता.
हनुमान जी को कई नामों से जाना जाता है. सभी के अलग अलग अर्थ हैं. इनमें बजरंगबली, पवनपुत्र, रामभक्त हनुमान, मारुति समेत अनेक नाम हैं. इन नामों से रोचक कथाएं भी जुड़ी हुई हैं.
हनुमान जी के बचपन में मारुति कहकर पुकारा जाता था. बाल रुप में वे सूर्य को निगल गए थे. इसे अंधेरा छा गया. सभी देवताओं ने मारुति से सूरज को बाहर निकालने के लिए कहा, लेकिन जब मारुति नहीं मानें तो इंद्र देव ने वज्र से उन पर प्रहार कर दिया. इसे मारुति की ठुड्डी टूट गई. इसी के बाद उनका नाम हनुमान पड़ा.
हनुमान जी का दूसरा नाम पवनपुत्र है. इसके पीछे भी एक रोचक कथा है. बताया जाता है कि वायुदेव ने अंजनी की तपस्या से खुश होकर पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था. इसी के बाद हनुमान हुए. तब ऋषि मुनियों ने मारुति का नाम पवनपुत्र रखा था.
हनुमान जी का तीसरा नाम संकटमोचन है. हनुमान जी सभी की रक्षा करते हैं. संकटों को दूर करते हैं. हनुमान ने संजीवनी बूंटी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाए थे, तभी भगवान श्रीराम ने उन्हें संकटमोचन नाम दिया.
हनुमान जी का चौथा नाम बजरंगबली है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी विशालकाय के शरीर के साथ ही हाथों में गदा धारण किए हैं. महाबाल के कारण ही उन्हें बजरंगबली कहा जाता है. बजरंग का अर्थ केसरी रंग और बली का शक्तिशाली यानी बलवान है.
हनुमान जी को पांचवां कंसरीनंदन नाम से भी पुकारा जाता है. इसके पीछे की वजह उनके पिता का नाम केसरी होना है. इस लिए हनुमान जी को केसरीनंदन भी कहा जाता है.