Jun 15, 2024, 03:06 PM IST

सूर्य देव की पुत्री का हाथ मांगने खुद पहुंचे थे श्रीकृष्ण, कालिंदी के सामने हुए विवश

Nitin Sharma

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्यदेव की दो पुत्रियां थीं. उनमें से एक का नाम कालिंदी और दूसरी का नाम भद्रा था. 

कालिंदी बहुत ही शांत और भद्रा बहुत ही उग्र स्वभाव की थी. 

एक बार सूर्य की पुत्री कालिंदी ने पिता से तप करने की इच्छा जताई. इस पर सूर्यदेव ने ब्रज धाम में जाकर जप करने का सुझाव दिया. 

कालिंदी ने सालों तक घोर तप किया. जब द्वापर युग में श्री कृष्ण ने जन्म लिया. तब कालिंदी ने भगवान से दर्शन का अनुरोध किया. 

श्रीकृष्ण का जन्म होने पर वासुदेव उन्हें टोकरी में रखकर गोकुल के लिए निकल पड़े. जब वासुदेव नदी में गए तब कालिंदी ने श्रीकृष्ण के चरण स्पर्श किये. 

कालिंदी नदी को ही आगे चलकर यमुना का नाम दिया गया. 

जब श्रीकृष्ण ने धर्म की रक्षा के लिए ब्रज छोड़ा तो कालिंदी यानी यमुना ने श्री कृष्ण से विवाह के लिए तपस्या की. 

महाभारत युद्ध के बाद जब श्रीकृष्ण अर्जुन के साथ वापस ब्रजधाम पहुंचे तो यहां अर्जुन ने कालिंदी को तपस्या करते देखा. 

अर्जुन ने कालिंदी का परिचय पूछा. तब कालिंदी ने बताया कि वह श्रीकृष्ण से विवाह करना चाहती है. इसके लिए तपस्या कर रही है. यह बात श्रीकृष्ण ने पता लगते ही कालिंदी को दर्शन दिये. 

श्रीकृष्ण ने वरदान के रूप में सूर्यदेव से उनकी बेटी कालिंदी का हाथ खुद मांगा और विवाह किया. 

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.