Jan 8, 2024, 04:33 PM IST
त्रेता युग में धरती पर जन्म लेने वाले प्रभु श्रीराम भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे. उनका अवतरण धर्म की स्थापना के लिए हुआ था.
भगवान श्री राम के दर्शन पाने के लिए भगवान शिव भी वेष बदलकर अयोध्या पहुंचे थे, लेकिन वह वापस नहीं लौटे. भगवान शिव अयोध्या में ही रुक गये.
भगवान शिव वृद्ध ज्योतिष का रूप धारण करके अयोध्या में राजा दशरथ के घर उनके चारों पुत्रों का फलादेश बताने के बहाने राजभवन पहुंच गये थे.
यहां वह श्री राम को देखते ही रुक नहीं पाएं और प्रभु को अपनी गोद में उठा लिया.