जब श्रीराम ने किया था अश्वमेध यज्ञ, जानें कैसा था नजारा, AI ने दिखाई तस्वीरें
Nitin Sharma
गायत्री परिवार द्वारा मुंबई में गायत्री अश्वमेध महायज्ञ कराया जा रहा है. इस यज्ञ के साथ ही विशाल आयोजन में लाखों लोगों की भागीदारी होगी.
यह अद्भुत अनुष्ठान और यज्ञ अलग अलग समाजों को एक साथ लाने और सामूहिक सोच को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहा है. अश्वमेध महायज्ञ न केवल आध्यात्मिकता की भावना को बढ़ावा देता है, बल्कि यह सामूहिक उत्थान और सद्भाव की भावना को भी मजबूत करता है.
त्रेतायुग में भगवान श्रीराम भी अश्वमेध यज्ञ कर चुके हैं. इस यज्ञ के लिए श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण ने उनसे कहा था.
बताया जाता है कि लक्ष्मण के कहने पर श्रीराम यज्ञ करने के लिए तैयार हो गये, लेकिन उन्हें कोई सही जगह नहीं मिली.
श्री राम ने अपने कुल पुरोहित और गुरु वशिष्ठ से अश्वमेध यज्ञ करने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान पूछा.
इस पर वशिष्ठ ने नैमिष क्षेत्र में यज्ञ कराने का स्थान बताया था. इसके बाद नैमिष क्षेत्र कारण्डव वन में यज्ञ किया गया.
गंगा गोमती नदी के उत्तर की ओर का स्थान कारण्डव वन था जो आज कोरौना के नाम से जाना जाता है. इस स्थान पर भगवान श्रीराम ने अश्वमेध यज्ञ किया था.
यहां पर भगवान श्रीराम के द्वारा महादेव का शिवलिंग स्थापित किया गया. यहां एक शिवमंदिर भी है. इसी यज्ञ बाराह कूप में अश्वमेध यज्ञ सम्पन्न किया गया था.
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