Nov 13, 2023, 09:04 AM IST

कौरवों के इस योद्धा ने किया था द्रौपदी के चीरहरण का विरोध

Nitin Sharma

महाभारत में द्रौपदी प्रमुख पात्रों में से एक है. माना जाता है कि उन्हीं का चीरहरण महाभारत युद्ध की वजह बना था. 

कौरवों से चौसर के खेल में युधिष्ठर ने अपना सबकुछ गवां दिया था. इसके बाद उन्होंने द्रौपदी को ही दांव पर लगा दिया. 

इसमें वह द्रौपदी को भी हार गए, जिसके बाद कौरवों ने उनका चीरहरण किया. 

इस दौरान पांचों पांडवों के साथ ही सभी कौरव भी मौके पर मौजूद थे. 

द्यूत क्रीड़ा गृह में पहुंचने के बाद दुर्योधन ने दुशासन को द्रौपदी के चीरहरण का आदेश दे दिया. 

इस दौरान सभा में मौजूद सभी लोग शांति रहें और अपना समर्थन दिया, लेकिन कौरवों क की सेना में एक योद्धा ने द्रौपदी के चीरहरण का विरोध किया.

यह योद्धा दुर्योधन का भाई धृतराष्ट्र के 100 पुत्रों में से एक विकर्ण था. उसने भरी सभा में इसका चीरहरण का विरोध किया. 

विकर्ण ने दुर्योधन को रोका और कहा कि द्रौपदी के चीरहरण करना गलत है. इसका भविष्य में बहुत ही बुरा परिणाम मिलेगा. 

लेकिन दुर्योधन समेत सभा में मौजूद कौरवों ने उसकी बात को अनसुना कर दिया. 

विकर्ण बड़ा योद्धा था. उसने धर्म का पालन करते हुए कौरवों की तरफ से युद्ध भी किया था.