Dec 28, 2023, 04:26 PM IST
द्वापर युग में कौरवों और पांडवों के बीच लड़े गये महाभारत युद्ध के अवशेष कलयुग में भी मिले हैं. इस युद्ध में करोड़ों योद्धा और सेनिकों की जान गई थी.
महाभारत युद्ध 18 दिनों तक चला था. इसमें 17वें दिन अर्जुन और दानवीर कर्ण का आमना सामना हुआ.
कर्ण और अर्जुन ने युद्ध के मैदान में एक दूसरे को घायल करना शुरू कर दिया.
इस बीच कर्ण का कवच टूट गया. अर्जुन की तरफ से लगने वाले हर बाण कर्ण के शरीर में जाकर लगने लगे.
कर्ण के शरीर से खून की धाराएं बहनें लगी. इसबीच ही अर्जुन ने रुद्रास्त्र की शक्ति का अंश से भरा बाण छोड़ दिया.
अर्जुन के द्वारा रुद्रास्त्र बाण के छोड़ते ही कर्ण के रथ का पहिया धरती में समा गया.
यह देखकर श्री कृष्ण ने अर्जन से कहा कि हे पार्थ इससे पहले कि कर्ण रथ पर फिर से सवार हो. तुम विजय धनुष को चला दो.
श्री कृष्ण के कहते ही अर्जुन ने अंजलिक अस्त्र से कर्ण की गर्दन पर वार किया. इससे कर्ण की गर्दन धड़ से अलग हो गई और उनका निधन हो गया.