May 3, 2024, 09:35 AM IST

द्रौपदी के 5 पुत्रों की इस श्राप के चलते हुई थी मौत

Nitin Sharma

महाभारत युद्ध में कौरवों और पांडवों के युद्ध के साक्ष्य आज भी मौजूद हैं. 

इस युद्ध में करोड़ों योद्धा और कौरव मारे गये. वहीं पांडवों की सेना में शामिल द्रौपदी के पांच पुत्रों की भी मृत्यु हुई.

पौराणिक कथा के अनुसार, द्रौपदी से जन्में पांडवों के पांचों पुत्रों की मौत की वजह उन्हें इस जन्म से पहले ऋषि से मिला श्राप था. 

बताया जाता है एक बार राजा हरिश्चंद्र अपने राज्य में निकले थे. यहां अनजाने में उन्होंने  ऋषि विश्वामित्र का ध्यान भंग कर दिया. यह देखते ही राजा ने ऋषि विश्वामित्र से अपनी गलती मानी. 

राजा के ध्यान भंग करने पर ऋषि विश्वामित्र क्रोधित हो गये. राजा ने उन्हें मनाने के लिए अपना पूरा राज्य दान में दे दिया. इसके बाद भी ऋषि विश्वामित्र का गुस्सा शांत नहीं हुआ. वह राजा हरिश्चंद्र से दक्षिणा मांगने पर अड़ गये.

जब ऋषि राजा हरिश्चंद्र को प्रताड़ित कर रहे थे. तब प्रजा उनसे नाराज हो गई. हाथ जोड़े खड़े राजा हरिश्चंद्र पर ऋषि विश्वामित्र ने छड़ी उठा ली. तब पांच विश्व देव उनका यह अपमान सहन ना कर सके. 

पांचों देव साक्षात प्रकट हुए और विश्वामित्र को भरा बुरा बोलने लगे. इस पर ऋषि विश्वामित्र ने कमंडल से जल निकाल कर पांचों देवों पर फेंक दिया. उन्हें श्राप दिया कि तुम सब मनुष्य रूप में जन्म लेकर जानोगे कि मैं क्या और क्यों कर रहा हूं.

विश्वामित्र ने श्राप में कहा कि मनुष्य के रूप में एक ही जीवन काटोगे. इसमें द्रौपदी के गर्भ से जन्म तो जरूर लोगे, लेकिन तुम्हें ना तो विवाह का सुख मिलेगा और ना ही संतान का सुख मिलेगा.

बताया जाता है कि इसी श्राप की वजह से द्रौपदी के पांचों पुत्र की कम आयु में ही अश्वत्थामा के मारने से मृत्यु हो गई. बाद में ये सभी वापस देवलोक चले गए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)