महाभारत युद्ध में जीत के बाद हस्तिनापुर में सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा था.
इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों से द्वारिका नगरी लौटने की इच्छा जाहिर की.
श्रीकृष्ण के वापस द्वारिक लौटने की बात सुनकर सभी परेशान हो गए.
भगवान श्री कृष्ण द्वारिक जाने के लिए निकले सभी की इच्छा अनुसार उपहार देने लगें.
इसी दौरान श्रीकृष्ण पांडवों की माता कुंती के पास गए. श्री कृष्ण ने अपनी बुआ कुंती से कहा कि वह उनसे कुछ भी मांग सकती है.
श्रीकृष्ण के जानें कि बात सुनकर कुंती रोने लगी. उन्होंने श्री कृष्ण से कहा कि मुझे दुख दे दो.
यह सुनकर वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया. श्री कृष्ण ने कुंती से पूछा कि वह दुख क्यों चाहती हैं.
कुंती ने श्री कुष्ण से कहा कि जब हमारे जीवन में दुख आया. तब हम आपको याद करते हैं और आप चले आते हैं. वहीं सुख में हम भूल जाते हैं. इसलिए मैं दुख चाहती हूं. ताकि आप नाम जापती रहूं और आप पल भर में आ जाएं.