महाभारत में इस महिला के देखने से काले पड़ गए थे युधिष्ठिर के ये अंग
Nitin Sharma
द्वापर में कौरवों और पांडवों के बीच हुए महाभारत युद्ध के साक्ष्य कलयुग में भी मिलते है. शास्त्रों में इसे पांचवां वेद बताया गया है.
महाभारत की कहानी जितनी बड़ी और रहस्यमयी है. उतनी ही रोचक भी है. इसमें मौजूद पात्र और उनकी कई कहानियां हैं.
महाभारत में द्रौपदी से लेकर गांधारी तक कई ऐसी महिलाएं रही हैं, जिनका जिक्र महाभारत में किया जाता है.
इसी में एक महिला ऐसी थी, जिसके सिर्फ कड़ी नजर से देखने मात्र से पांचों पांडव घबरा गये थे.
दरअसल यह महिला कौरवों की मां गांधारी थी, जो अपने 100 पुत्रों की मौत के बाद बेहद गुस्से में थी.
महाभारत युद्ध खत्म होने के बाद पांडव धृतराष्ट्र और गांधारी से मिलने राजमहल पहुंचे थे. यहां गांधारी और धृतराष्ट्र पुत्रों के मारे जाने से बहुत गम और क्रोध में थे.
यहां पांडव और गांधारी के बीच वार्ता हुई. यहां उन्होंने भीम से कहा कि तुमने युद्ध में मेरे पुत्र का खून पिया था. ऐसा करना सही था. इस पर भीम ने बताया कि उसने यह प्रतिज्ञा ली थी और खून को दांतों से आगे नहीं जाने दिया था.
भीम की बात सुनते ही गांधारी का गुस्सा सांतवें आसमान पर पहुंच गया. उन्होंने युधिष्ठिर की तरफ देखा.
गांधारी की नजर जैसे ही युधिष्ठिर पर पड़ी उनके पैरों के नाखून काले पड़ गये.
यह देखकर पांचों पांडव चौंक गए और डरकर पीछे हो गये. गांधारी का गुस्सा शांत होने पर फिर बात की.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)