महाभारत के कई अनसुने किस्से मशहूर हैं. पांडवों और कौरवों का नाम पड़ने के पीछे भी एक कारण है.
महाभारत में विचित्रवीर्य के दो पुत्र पांडु और धृतराष्ट्र थे. पांडु के पांच पुत्र थे जिन्हें पांडव कहा जाता था. उनके पांचों पुत्र युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव थे.
धृतराष्ट्र और गांधारी के 100 पुत्र थे जिन्हें कौरव के नाम से जाना जाता है. गांधारी ने महर्षि वेदव्यास के आशीर्वाद से 100 पुत्रों को जन्म दिया था.
उनके 100 पुत्रों को कौरव उनके वंश के कारण कहा जाता था. धृतराष्ट्र का वंश में किसी समय कुरु नाम के राजा हुआ करते थे.
इन्हीं के नाम पर इनके वंश का नाम कुरुवंश पड़ा था. कुरुवंश के वंशज होने के कारण ही इनका नाम कौरव पड़ा. कौरव का अर्थ कुरु के वंश के लिए पैदा होने वाले से है.
कौरव का अर्थ कुरु के वंश के लिए पैदा होने वाले से है. तो इस तरह धृतराष्ट्र के पुत्रों का नाम कौरव पड़ा था.
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