Jul 31, 2024, 10:11 PM IST
धर्मराज ने भीम के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि दुर्योधन जीवन भर अपनी नीतियों को लेकर स्पष्ट था, उसे लागू करने के लिए वो रात-दिन लगा रहा.
धर्मराज ने आगे कहा कि दुर्योधन को बाल्यावस्था से ही सही संस्कार नहीं मिल सका, वो गलत संगत का शिकार हो गया, इसी वजह से वो धर्म और सत्य का साथ नहीं दे सका.
धर्मराज ने इस बात का भी उल्लेख किया कि उसके दो गुणों को सदगुण के तौर देखा गया.
इनमें पहला सदगुण था कि वो हमेशा अपने उद्देश्य को लेकर अटल रहा और दूसरा सदगुण उसका दृढ़संकल्पित होना था.
धर्मराज युद्धिष्ठिर के अनुसार इन्हीं सदगुणों के कारण उसकी आत्मा को स्वर्ग में जगह मिली थी.