Jul 31, 2024, 10:11 PM IST

पाप करने के बाद भी दुर्योधन ने कैसे हासिल किया स्वर्ग?

Aditya Prakash

महाभारत के युद्ध में कौरवों को हार का सामना करना पड़ा, और हस्तिनापुर की सत्ता पांडवों को मिली.

कौरवों को अधर्मी और पापी माना गया. इसका कारण उनके द्वारा किए गए अनैतिक कर्य थे.

इन सबके बावजूद भी मृत्यु के बाद दुर्योधन को स्वर्ग की प्राप्ती हुई.

स्वर्ग में दुर्योधन की मौजूदगी को देखकर भीम ने युद्धिष्ठर से सवाल किया कि ऐसा क्यों हुआ.

धर्मराज ने भीम के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि दुर्योधन जीवन भर अपनी नीतियों को लेकर स्पष्ट था, उसे लागू करने के लिए वो रात-दिन लगा रहा.

धर्मराज ने आगे कहा कि दुर्योधन को बाल्यावस्था से ही सही संस्कार नहीं मिल सका, वो गलत संगत का शिकार हो गया, इसी वजह से वो धर्म और सत्य का साथ नहीं दे सका. 

धर्मराज ने इस बात का भी उल्लेख किया कि उसके दो गुणों को सदगुण के तौर देखा गया.

इनमें पहला सदगुण था कि वो हमेशा अपने उद्देश्य को लेकर अटल रहा और दूसरा सदगुण उसका दृढ़संकल्पित होना था.

धर्मराज युद्धिष्ठिर के अनुसार इन्हीं सदगुणों के कारण उसकी आत्मा को स्वर्ग में जगह मिली थी.