Dec 12, 2023, 02:32 PM IST

महर्षि वेदव्यास के अनुसार कैसा होगा घोर कलयुग और कैसे होगा अंत?

Ritu Singh

शास्त्रों में चार युगों के बारे में बताया गया है. इन चार युगों के नाम हैं- 1. कलयुग, 2.सत्ययुग, 3. त्रेतायुग और द्वापरयुग. मौजूदा समय में कलयुग चल रहा है. 

महर्षि वेदव्यास ने कलयुग का हाल पहले ही बयां कर दिया था और घोर कलयुग की पहचान भी बताई थी. साथ ही कलयुग कैसे खत्म होगा ये भी बता दिया था.

व्यास जी ने बताया है की कलयुग में धन के लिए गले काटे जायेंगे. पाखंडी बाबाओं का बोलबाला होगा और मनुष्य की आयु भी घट जाएगी. श्रीमद्भागवत में किये गए इस व्याख्यान में व्यास जी ने जो बातें कलयुग के लिए कही है. वो आज के समय में प्रासंगिक लगती है.महर्षि व्यासजी के अनुसार कलयुग में मनुष्यों में वर्ण और आश्रम संबंधी प्रवृति नहीं होगी. 

कलयुग में विवाह को धर्म नहीं माना जाएगा. सब लोग बिना स्नान करे ही भोजन करेंगे. देव पूजा,अतिथि-सत्कार,श्राद्ध और तर्पण की क्रिया कोई नहीं करेगा. शिष्य गुरु के अधीन नहीं रहेंगे. पुत्र भी अपने धर्म का पालन नहीं करेंगे. कोई किसी कुल में पैदा ही क्यों न हुआ जो बलवान होगा वही कलयुग में सबका स्वामी होगा.

पुत्र पिता को तथा बहुएं सास को काम करने भेजेंगी. कलयुग में समय के साथ-साथ मनुष्य वर्तमान पर विश्वास करने वाले, शास्त्रज्ञान से रहित, दंभी और अज्ञानी होंगे. मनुष्यों में क्रोध-लोभ की अधिकता हो जाएगी.

घोर कलयुग में लोग कन्या बेचकर निर्वाह करेंगे.कलयुग की स्त्रियां लोभी, कद में छोटी, अधिक खानेवाली और मंद भाग्य वाली होंगी.  अन्याय से धन पैदा करने वाले पुरुषो में उनकी आसक्ति होगी. कलयुग में स्त्रियां धनहीन पति को त्याग देंगी.  उस समय धनवान पुरुष ही स्त्रियों का स्वामी होगा. वह देह शुद्धि की ओर ध्यान नहीं देंगी तथा असत्य और कटु वचन बोलेंगी.

 कलयुग के समय बुद्धि धन के संग्रह में ही लगी रहेगी. कलयुग में थोड़े से धन से मनुष्यों में बड़ा घमंड होगा. उस समय लोग प्रभुता के कारण ही सम्बन्ध रखेंगे और धन राशी घर बनाने में ही समाप्त हो जाएगी. इससे दान-पुण्य के काम नहीं होंगे. सब लोग हमेशा किसी न किसी क्लेशों से घिरे रहेंगे. लोग ऋण चुकाए बिना ही हड़प लेंगे

कलयुग में बाढ़ और सूखे के भय रहेगा.  वर्षा न होने से फल,कंद-मूल और पत्ते खाकर रहना होगा. कलयुग में अकाल पड़ता रहेगा. घोर कलयुग आने पर मनुष्य की औसत आयु बीस साल होगी और 8 या 9 साल में ही बच्चे होने लगेंगे. उस समय लोग मंदबुद्धि, व्यर्थ के चिन्ह धारण करने वाले बुरी सोच वाले होंगे. 

कलयुग के अंत के समय बड़े भयंकर युद्ध होंगे, भारी वर्षा, प्रचंड आंधी और जोरों की गर्मी पड़ेगी. लोग खेती काट लेंगे, कपड़े चुरा लेंगे, पानी पिने का सामान और पेटियां भी चुरा ले जाएंगे.

 कलयुग चरम पर पहुंचने के बाद पाप धीरे-धीरे कम होने लगेगा. फिर धीरे-धीरे लोग साधु पुरुषों की सेवा, दान, सत्य एवं प्राणियों की रक्षा में पुनः तत्पर होने लगेंगे. इससे धर्म के एक नए चरण की स्थापना होगी. जिस प्रकार धर्म की हानि हुई थी, उसी प्रकार धीरे-धीरे प्रजा धर्म की राह पर चलने लगेगी. और इस प्रकार धर्म को पूर्णरूप से अपना लेने पर हो जायेगा कलियुग का अंत.