Mar 8, 2024, 08:41 AM IST

इस राक्षस से बचने के लिए 3 लोक में भागे महादेव, वरदान देना खुद पर पड़ा भारी

Nitin Sharma

महाशिवरात्रि इस बार 8 मार्च को मनाई जाएगी. इस दिन मंदिरों में शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करने वाले भक्तों की भीड़ लगी रहती है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती विवाह हुआ था.

सभी देवों में महादेव शिव को जल्द प्रसन्न होने वाला देव माना गया है. यही वजह है कि कोई भी इच्छा और शक्ति पाने के लिए आम से लेकर खास यानी साधु संत और राक्षस तक महादेव का तप करते हैं. 

भगवान शिव जल्द ही सभी की मुराद पूर्ण कर देते हैं, लेकिन एक बार भगवान शिव को प्रसन्न होकर एक राक्षस को वरदान देना खुद पर ही भारी पड़ गया. राक्षस ने भगवान शिव को 3 लोक में दौड़ा दिया.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, बकासुर ने नारद मुनी से पूछा कि वह वरदान पाना चाहता है. इसके लिए उसे किसकी तपस्या करनी चाहिए. इस पर नारद ने उसे बताया कि ब्रह्मा, विष्णु की जगह भगवान शिव की तपस्या करें. 

नारद के कहने पर बकासुर ने भगवान शिव की तपस्या शुरू की. उसने जप, तप से लेकर भगवान को प्रसन्न करने के लिए अपने शरीर के टुकड़े अग्निकुंड में डालने शुरू कर दिये.

इस पर भगवान शिव प्रसन्न होकर प्रकट हो गये. बकासुर ने भगवान शिव से वरदान मांगा कि मैं जिसके भी सिर पर भी हाथ रखूं. वह भस्म हो जाये. महादेव ने बकासुर से दूसरा कोई वरदान मांगने को कहा, लेकिन वह इस पर अटल हो गया. भगवान शिव ने उसे वरदान दे दिया.

बकासुर ने उनसे कहा कि यह वरदान पूर्ण होगा या नहीं. इसकी जांच वह भगवान शिव के सिर पर हाथ रखकर ही करेगा. बकासुर भगवान शिव के पीछे दौड़ पड़ा.

बकासुर राक्षस से बचने के लिए भगवान शिव को 3 लोक के चक्कर काटने पड़े. इसके बाद भगवान विष्णु ने राक्षस बकासुर को बातों में फंसाकर उसके सिर पर उसका हाथ रखवा दिया. 

अपने सिर पर हाथ रखकर बकासुर खुद ही भस्म हो गया, जिसके बाद भगवान शिव बच सकें.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.