Mar 29, 2024, 09:55 AM IST

इस मंदिर में 500 वर्ष से नहीं जलाई गई माचिस, जानें कैसे प्रकट की जाती है अग्नि

Nitin Sharma

भारत में तमाम ऐसे प्राचीन मंदिर हैं, जिनमें आज भी अद्भूत शक्तियां मौजूद हैं. इनमें चमत्कार देखने को मिलते हैं.

इन्हीं में से एक श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन में स्थित श्री राधा रमण मंदिर हैं. यह प्राचीन मंदिरों में से एक है. 

इस मंदिर में 500 सालों से श्री राधारमण की सेवा की जाती है. भगवान की पूजा अर्चना से लेकर उन्हें भोग प्रसाद लगाया जाता है.

भगवान की पूजा के लिए धूप दीप से लेकर हवन तक किया जाता है, लेकिन इन सबके लिए माचिस का प्रयोग नहीं किया जाता है.

बताया जाता है कि इस मंदिर में बिना माचिस के ही अग्नि प्रकट कर दीपक जलाने से लेकर हवन तक किया जाता है. भगवान के लिए हर दिन भोजन तैयार होता है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, चैतन्य महाप्रभु के अनन्य शिष्य और भगवान श्री कृष्ण के भक्त गोपाल भट्ट गोस्वमी की भक्ति से करीब 482 वर्ष पहले राधारमण लालजू प्रकट हुए थे. 

उस समय उनकी पूजा के लिए अग्नि की जरूरत पड़ी. तब ऋग्वेद में हवन की लकड़ियों को घिसकर अग्नि प्रज्जवलित की गई. 

आज भी यह अग्नि प्रज्जवलित है. इसी से अग्नि लेकर हर दिन हवन और पूजा अर्चना की जाती है. और माचिस का इस्तेमाल नहीं किया जाता. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)