अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए सिर्फ 84 सेकेंड का शुभ मुहूर्त
Ritu Singh
अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर लगभग बनकर तैयार है और 22 जनवरी को रामलला मंदिर में विराजमान होंगे. रामलला की यह मूर्ति बाल रूप में होगी. उससे पहले रामलला की मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा. गर्भगृह में स्थापित होने वाली श्रीराम की मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच यानी 129.54 सेंटीमीटर होगी.
राम लला की मूर्ति के लिए विशेष शुभ मुहूर्त तय किया गया है. रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 को पोष माह की बारस तिथि के अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न और वृश्चिक नवांश का चयन किया गया है,
22 जनवरी 12 को 08 सेकेंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक ही प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त रहेगा. यानी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सिर्फ 84 सेकंड का शुभ मुहुर्त है .
इस समय भगवान राम की मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा. रामलला की मूर्ति स्थापित करने के बाद 'प्रतिष्ठत परमेश्वर' मंत्र का जाप किया जाएगा. इसका अर्थ है प्रभु, आप विराजमान हों.
ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से प्राण प्रतिष्ठा के लिए नक्षत्र मृगशिरा शुभ है तथा सोमवार का दिन भी शुभ है. सोमवार को मृगशिरा नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन 6 ग्रह एक साथ रहेंगे. ये संयोग सालों बाद बन रहा है.
साथ ही इस समय नवांश लग्न अभिजीत मुहूर्त के साथ नवम भाव में उच्च गुरु महाराज की उपस्थिति से शुभ योग बन रहा है. जो इस शुभ घड़ी को खास बनाता है.
अतः विवाह स्वामी मंगल और भाग्य भवन स्वामी बृहस्पति का भी परिवर्तन योग बन रहा है, जो बहुत शुभ है. साथ ही, मुहूर्त कुंडली के आधार पर ग्रहों के राजा सूर्य का दशम भाव और उपचय भाव में होना भी शुभ है. इसलिए इंद्र योग का होना भी बहुत शुभ माना जाता है.
वैदिक काल से ही यह परंपरा चली आ रही है जब भी किसी मंदिर में किसी भगवान की मूर्ति स्थापित की जाती है. सबसे पहले उन्हें एक अनुष्ठान से सम्मानित किया जाता है. अर्थात जब किसी मूर्ति में वैदिक मंत्रों के उच्चारण और विशेष अनुष्ठान द्वारा प्राण प्रतिष्ठा की जाती है तो उसे प्राण प्रतिष्ठा कहा जाता है. यह प्रक्रिया मूर्ति को प्रार्थना स्वीकार करने और वरदान देने की क्षमता देती है.