Mar 13, 2024, 09:29 AM IST
मथुरा-वृंदावन वाले प्रेमानंद जी महाराज की वीडियो अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है. वह अपने ज्ञान से लोगों को अवगत कराते हैं.
प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं. वह भक्तों के सभी सवालों के जवाब देते हैं.
एक भक्त ने प्रेमानंद जी महाराज से मृत्युभोज करने को लेकर सवाल किया. भक्त ने पूछा कि साधक को मृत्युभोज करना चाहिए या नहीं?
प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि, शास्त्रों में इसे निषेध माना गया है. लेकिन कई स्थिति में मृत्युभोज ग्रहण किया जा सकता है.
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि संसार व्यवहार में कई लोगों की मृत्यु होती रहती है. ऐसे में यहां पर मृत्यु भोज किसी बहाने से छोड़ सकते हैं.
यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर घर में या किसी संगे संबंधी की मृत्यु हो गई है. वहां पर मृत्युभोज हो रहा है तो इसे ग्रहण कर सकते हैं.
अगर घर में 50-100 लोगों इसमें शामिल हो रहे हैं तो आप आपको इसमें जाना ही पड़ेगा. ऐसे में आप मृत्युभोज में शामिल हो सकते हैं.
मृत्युभोज में किशमिश आदि खा लें. जहां भी आप जा रहे हैं मृत्युभोज में जो मिले ईश्वर का नाम लेकर उसे पा लेना चाहिए.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.